चैत्र नवरात्रि का पर्व इस साल 30 मार्च 2025 से प्रारंभ हो रहा है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और मां दुर्गा की आराधना का एक अद्वितीय अवसर होता है।
चैत्र नवरात्रि की पूजा विधि:
चैत्र नवरात्रि की पूजा के लिए पहले प्रात: समय में स्नान कर पूजा का संकल्प लें।
पूजा स्थल पर साफ-सफाई करें और एक चौकी रखें।
उस पर कलश रखें और उसमें पानी भरकर उसे कलावे से लपेटें।
फिर उस पर आम और अशोक के पत्ते रखें और नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर कलश के ऊपर रखें।
अब दीप और धूप जलाकर मां दुर्गा की पूजा करें।
चैत्र नवरात्रि के नियम:
ब्रह्मचर्य का पालन: व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के दैहिक या मानसिक विकार से दूर रहना चाहिए।
दुर्गुणों से बचना: काम, क्रोध, लोभ, अहंकार, झूठ, चोरी, मांसाहार, लहसुन, प्याज, शराब आदि से पूरी तरह बचना चाहिए।
पवित्रता का ध्यान: पूजा में उपयोग किए जाने वाली सभी वस्तुएं शुद्ध होनी चाहिए।
दिन में सोए न: व्रत के दौरान दिन में सोने की मनाही होती है।
रात को जमीन पर सोना चाहिए।
सात्विक आहार: व्रति को तामसिक आहार से बचना चाहिए और फलाहार करना चाहिए।
चैत्र नवरात्रि का महत्व:
चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
यह समय समृद्धि और शांति की प्राप्ति का होता है, जब लोग श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करते हैं।
इस वर्ष के चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा के साथ, व्रत और नियमों का पालन कर आप अपनी जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति कर सकते हैं।