दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम के रूप में काम करने वाले नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को कोर्ट ने एक और दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले पुलिस को 9 दिन की रिमांड मिल चुकी थी। आरोपी डॉक्टर की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गई है।
*मामले की जांच और खुलासे*
– आरोपी डॉक्टर के खिलाफ जांच चल रही है, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
– जांच पूरी होने के बाद सारे तथ्य सामने आ जाएंगे, जिससे बड़े खुलासे हो सकते हैं।
– सीएसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि जांच में अभी कुछ और बाकी है, जिसके आधार पर पूछताछ की जा रही है।
*फर्जी डॉक्टर के अपराध और गिरफ्तारी*
– आरोपी डॉक्टर ने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 से ज्यादा हार्ट सर्जरी कीं, जिनमें से 8 मरीजों की मौत हो गई।
– जांच में पता चला कि उसकी डिग्री और अनुभव पूरी तरह से फर्जी थे।
– आरोपी डॉक्टर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज भाग गया था, जहां से दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी की टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
*फर्जी दस्तावेज और डिग्री*
– आरोपी डॉक्टर ने महाराष्ट्र के नागपुर से कूटरचित दस्तावेज बनवाए थे।
– एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी साइन मिले हैं।
– दमोह एसपी ने बताया कि आरोपी डॉक्टर ने 2013 में एक डिग्री पांडिचेरी से ली थी, जिस विश्वविद्यालय से ली थी वहां के कुलपति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे¹।