सागर। सागर जिले में कुछ दिन पहले खनिज अधिकारी अनित पंड्या द्वारा पत्रकार मुकुल शुक्ला के साथ की गई अभद्रता का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के विरोध में जिलेभर के पत्रकार सड़कों पर उतर आए हैं और प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सोमवार को जिले के विभिन्न पत्रकार संगठनों सहित करीब 8 से 10 संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और दोषी अधिकारी पर सख्त कार्यवाही की मांग की। इसके अलावा, पत्रकारों ने भाजपा के पितृपुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा को ज्ञापन समर्पित कर न्याय की गुहार लगाई।
धरने में नहीं पहुंचा प्रशासन, पत्रकारों में आक्रोश
घटना के बाद से ही सागर में पत्रकारों द्वारा लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन का रवैया बेहद उदासीन बना हुआ है। बीते तीन दिनों से लगातार प्रदर्शन जारी रहने के बावजूद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी धरना स्थल पर नहीं पहुंचा।
धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया ने वहां पहुंचकर पत्रकारों को समर्थन देने की बात कही। इस मामले में सागर जिले के चार विधायकों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब धरने के दौरान पीड़ित पत्रकार मुकुल शुक्ला ने आत्मदाह का प्रयास किया। इस घटनाक्रम के बावजूद प्रशासन का रुख कठोर बना रहा। यहां तक कि जिले के इकलौते मंत्री भी पत्रकारों की बात सुनने के लिए नहीं पहुंचे, जिससे पत्रकारों में रोष और बढ़ गया।
पत्रकारों ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को जिलेभर के पत्रकार संगठनों और अन्य सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। साथ ही, बस स्टैंड स्थित चौक पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा को ज्ञापन समर्पित कर न्याय की गुहार लगाई।
नेताओं और पत्रकारों की प्रतिक्रियाएं
प्रदीप दुबे, वरिष्ठ पत्रकार – “यह घटना केवल एक पत्रकार पर हमला नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता पर हमला है। अगर प्रशासन जल्द कार्यवाही नहीं करता, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।”
राजकुमार धनौरा, कांग्रेस नेता – “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पत्रकार को न्याय पाने के लिए आत्मदाह तक की नौबत आ गई। प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।”
अभिषेक गौर, कांग्रेस नेता – “लोकतंत्र में मीडिया को चौथा स्तंभ माना जाता है, लेकिन यहां पत्रकारों की आवाज को दबाया जा रहा है। हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।”
पत्रकारों का कहना है कि जब तक प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं करता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।