प्रयागराज:(हनी दुबे)
बॉलीवुड फिल्म ‘करण अर्जुन’ और ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ जैसी हिट फिल्मों की अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने अब ग्लैमर की दुनिया को पूरी तरह अलविदा कह दिया है। उन्होंने आध्यात्म की राह चुनते हुए किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर का पद ग्रहण किया है। अब उनका नया नाम ‘श्री यमाई ममता नंदगिरि’ हो गया है।
ममता कुलकर्णी ने हाल ही में एक वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि वह अपने दिवंगत पिता का पिंडदान करेंगी। इसके साथ ही, वह प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 1 फरवरी तक रहेंगी। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर संगम में स्नान कर उन्होंने अपनी आस्था प्रकट की। ममता ने आगे कहा कि वह काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगी।
ड्रग्स केस और नाम बदलने का विवाद
ममता कुलकर्णी एक समय बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री थीं। लेकिन साल 2014 में उनका नाम ड्रग्स तस्करी से जुड़ा। उन्हें केन्या में उनके कथित साथी विक्की गोस्वामी के साथ हिरासत में लिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्की गोस्वामी ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और जेल में ही अपना नाम यूसुफ खान रख लिया था। कहा जाता है कि ममता ने भी अपना नाम बदलकर ‘आयशा बेगम’ रख लिया था।
हालांकि, ममता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को निर्दोष बताया। पूछताछ के दौरान उन्होंने दावा किया कि वह बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी नहीं हैं, बल्कि आयशा बेगम हैं।
साध्वी बनने की शुरुआत
ममता कुलकर्णी के आध्यात्म की ओर झुकाव की शुरुआत 2013 में ही हो गई थी। उस साल वह प्रयागराज के महाकुंभ में नजर आई थीं। अब, इतने सालों बाद, वह किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन चुकी हैं। ममता ने इस दौरान कहा कि उन्होंने अपना जीवन अध्यात्म को समर्पित कर दिया है।
फिल्मी दुनिया से दूर, आध्यात्म की ओर
कभी अपनी खूबसूरती और बेहतरीन अदाकारी के लिए पहचानी जाने वाली ममता कुलकर्णी अब आध्यात्मिक पथ पर हैं। उनकी यह नई पहचान उनके पुराने विवादों से काफी अलग है। अभिनेत्री से साध्वी बनने तक का यह सफर चर्चा का विषय बना हुआ है।
महाकुंभ में लोगों को संदेश
ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ के दौरान लोगों से संयम, आस्था और धर्म का पालन करने का आह्वान किया। उनका कहना है कि उन्होंने अपने जीवन का मकसद ईश्वर की सेवा और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति बना लिया है