सागर: श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पं. इंद्रेश जी महाराज ने कहा कि संसार में व्यवस्थित होना धर्म है, लेकिन परलोक की व्यवस्था करना परमधर्म है। उन्होंने कहा कि भगवत प्राप्ति के लिए ईर्ष्या सबसे बड़ी बाधा है और श्रीमद् भागवत कथा ही साक्षात श्रीकृष्ण हैं।
कथा में उन्होंने बताया कि जीवन यापन के लिए इस लोक में रहने के लिए हम जो कर्म करते हैं, वह धर्म है। इसमें भोजन, भवन, भ्रमण, और भाषा का ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि हमें अपने घर में विराजमान ठाकुर जी को उतना ही मान देना चाहिए जितना कि श्री वृंदावन धाम में ठाकुर जी को।
कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं ने मधुर भजनों पर जमकर भक्ति की। कथा के दूसरे दिन राज्य मंत्री लखन पटेल, जयंत मलैया, विधायक अजय विश्नोई, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष विनोद गोटिया सहित अन्य अतिथि शामिल हुए।