बैतूल की एक अदालत ने एक अनोखा फैसला सुनाया है, जिसमें 17 माह के एक बच्चे को उसके दादा-दादी के साथ जेल में रहने की इजाजत दी गई है। यह फैसला एक विवाहिता की मौत के मामले में सुनाया गया है, जिसमें पुलिस ने उसके पति और सास-ससुर को गिरफ्तार किया है।
मृतका को एक 17 माह का बच्चा भी है, जिसने अपने नाना-नानी के पास जाने से इनकार कर दिया है। बच्चा अपने पिता और दादी को छोड़ने को तैयार नहीं है। अदालत ने बच्चे को उसकी दादी के पास रखने के आदेश दिए हैं, जिससे अब यह बच्चा बिना किसी गुनाह के जेल में रहेगा।
पुलिस ने मृतका के पति, सास और ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया था। पुलिस की दुविधा यह थी कि घर में बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। बच्चा अपने पिता और दादी के अलावा किसी और के पास रहने को तैयार नहीं था।
अदालत ने बच्चे के नाना-नानी को बुलाकर पूछा कि क्या वे बच्चे को रखने के लिए तैयार हैं? लेकिन उन्होंने दादा-दादी के साथ रहने की बच्चे की जिद के कारण उसको साथ ले जाने से मना कर दिया।
अदालत ने बच्चे के पालन-पोषण, आहार, छोटी सी उम्र में मां की मौत समेत सभी परिस्थितियों पर विचार किया। अदालत ने जेल मेन्युअल के अनुसार बच्चे की देखभाल और उसके लिए खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा।