तीर्थनगरी प्रयागराज में संगम की पावन धरा पर महाकुम्भ 2025 का भव्य शुभारंभ हो चुका है। आज संगम में अमृत स्नान के प्रथम दिन का अलौकिक दृश्य सबको मंत्रमुग्ध करने वाला है। अमृत स्नान में नागा साधु और पूज्य संत-सन्यासी अपने संपूर्ण वैभव के साथ स्नान करने संगम के तट पर पधारे। सभी संतों की पवित्र उपस्थिति से इस पर्व की शोभा अद्वितीय हो गई। महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान शुरू हो गया है। हाथों में तलवार, त्रिशूल और डमरू लेकर 2000 नागा साधुओं का पहला जत्था स्नान के लिए निकल गया हैं। सबसे पहले पंचायती निर्वाणी अखाड़े के संत स्नान के लिए निकले। उसके बाद 13 अखाड़ों के साधु संत स्नान करेंगे। लाखों श्रद्धालु नागा साधुओं का आशीर्वाद लेने संगम घाट पहुंचे। शाही स्नान के लिए सभी अखाड़ों को 30-40 मिनट का समय दिया गया है।
आज प्रयागराज महाकुंभ मेले का विशेष दिन है क्योंकि आज संतों और साधु-संतों द्वारा शाही स्नान (जिसे अब ‘अमृत स्नान’ कहा जाता है) किया जा रहा है। श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा के स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि भारतीय परंपरा में इस स्नान को लेकर बड़ा कौतूहल रहता है। राजसी शाही स्नान देव दुर्लभ है, देवताओं को भी दुर्लभ है। इस स्नान को देखने के लिए देवता भी तरसते हैं। आज लगभग 3-4 करोड़ लोग पवित्र स्नान करेंगे। आज सूर्य उत्तरायण होंगे, इस तिथि की प्रतीक्षा देश के सभी संत करते हैं। महाकुंभ के इस आयोजन के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है।