प्रयागराज: आस्था और श्रद्धा के महापर्व महाकुंभ में मंगलवार की रात दर्दनाक हादसा हो गया। संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मरने वालों की संख्या और भी अधिक हो सकती है। इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के मुताबिक, यह हादसा रात करीब 2 बजे संगम तट के पास हुआ, जब लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ पड़े। भीड़ का दबाव अचानक बढ़ने से अव्यवस्था फैल गई और देखते ही देखते भगदड़ मच गई। इस दौरान कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, जिससे दम घुटने और कुचलने से कई लोगों की मौत हो गई।
राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। बड़ी संख्या में एंबुलेंस घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचा रही हैं। प्रयागराज के महाकुंभ अस्पताल में घायलों के इलाज के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
प्रशासन का बयान
प्रयागराज प्रशासन के मुताबिक, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। घायलों के इलाज में किसी तरह की कमी न हो, इसके लिए डॉक्टरों की टीम लगातार काम कर रही है।
श्रद्धालुओं में भय और अफरा-तफरी
इस दर्दनाक घटना के बाद कुंभ क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल है। हादसे के बाद श्रद्धालुओं में डर और बेचैनी का माहौल देखा जा रहा है।
सरकार से मुआवजे की मांग
हादसे के बाद मृतकों के परिजनों ने सरकार से मुआवजे और हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। प्रशासन ने भी भरोसा दिलाया है कि हादसे की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस हादसे ने महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं।
फिलहाल, प्रशासन राहत कार्य में जुटा हुआ है और स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है।