सागर। समाज में बेटियों को लेकर भेदभाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला सागर जिले से सामने आया है, जहां महज 8 दिन की नवजात और उसकी मां को उसके पिता और ससुराल वालों ने सिर्फ इस वजह से घर से बाहर निकाल दिया क्योंकि उन्हें बेटे की चाह थी।
पीड़ित महिला अपनी नवजात बच्ची को लेकर आज सागर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। महिला ने बताया कि लगभग एक साल पहले राहतगढ़ निवासी युवती की शादी सागर के संजय नगर (गोपालगंज थाना क्षेत्र) में एक ऑटो चालक से हुई थी। शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जैसे ही उसने एक बेटी को जन्म दिया, ससुराल वालों का व्यवहार अचानक बदल गया।
महिला का आरोप है कि बेटा न होने की वजह से ससुराल वालों ने मारपीट कर उसे और उसकी नवजात बच्ची को रातों-रात घर से निकाल दिया। बेसहारा महिला अपनी 8 दिन की बच्ची को लेकर देर रात बस स्टैंड पहुंची, जहां एक ऑटो चालक और उसके दोस्त ने उसकी मदद की और रातभर रहने व खाने की व्यवस्था कराई।
आज सुबह पीड़िता अपनी मां के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और न्याय की मांग करते हुए ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई। इस घटना ने एक बार फिर समाज में फैली बेटी को अभिशाप मानने की मानसिकता को उजागर किया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।