सागर: शहर के एक प्रतिष्ठित कान्वेंट स्कूल में छात्रों को दी गई अमानवीय सजा का मामला सामने आया है। कक्षा में शोर मचाने पर लगभग 500 छात्र-छात्राओं को स्कूल प्रशासन ने कड़ी सजा दी, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने जानकारी दी कि स्कूल प्रबंधन ने कक्षा 4 से 7 तक के सभी छात्रों को कक्षा से निकालकर फुटबॉल मैदान में तीन घंटे तक तेज धूप में खड़ा रखा। इस दौरान न तो उन्हें गर्म कपड़े उतारने की अनुमति दी गई और न ही पानी पीने या टॉयलेट जाने दिया गया। गर्मी और निर्जलीकरण के कारण कई छात्रों की तबीयत बिगड़ गई, जबकि कुछ बच्चे घर पहुंचने के बाद बेसुध हो गए।
बाल आयोग की कड़ी कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल आयोग ने स्कूल प्रबंधन से जवाब तलब किया है। साथ ही, शिक्षा विभाग को भी इस पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
अभिभावकों में आक्रोश
इस घटना के बाद अभिभावकों में भारी रोष है। उनका कहना है कि बच्चों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार असहनीय है। उन्होंने स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
बाल आयोग की टीम ने स्कूल का आकस्मिक निरीक्षण किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। इस मामले में दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षा विभाग भी जल्द ही इस संबंध में रिपोर्ट सौंपेगा
स्कूलों में अनुशासन बनाए रखना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बच्चों के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को नजरअंदाज किया जाए। इस घटना ने शिक्षा प्रणाली में अनुशासन और बच्चों के अधिकारों को लेकर कई सवाल
खड़े कर दिए हैं।