सागर यूनिवर्सिटी की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने हाल ही में शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता, रिसर्च और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने को लेकर कई अहम सुझाव दिए।
बैठक में डॉ. वानखेड़े ने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को उद्योगों की जरूरत के हिसाब से अपडेट करने, डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने और आधुनिक प्रयोगशालाओं के निर्माण पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा देने और विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री लिंकअप को बढ़ाने की जरूरत बताई।
“शिक्षा किसी भी देश की रीढ़ होती है। हम चाहते हैं कि सागर यूनिवर्सिटी देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शामिल हो। इसके लिए सरकार के साथ मिलकर लगातार काम किया जाएगा।”
डॉ. वानखेड़े ने शिक्षा मंत्री को पांच मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देने के लिए सुझाव दिए—
✔️ शिक्षा की गुणवत्ता सुधार: छात्रों को उद्योग-अनुकूल शिक्षा देने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव।
✔️ डिजिटल लर्निंग: स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को मजबूत करना।
✔️ रिसर्च और इनोवेशन: शिक्षकों और छात्रों को शोध कार्यों के लिए अनुदान उपलब्ध कराना।
✔️ इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार: हॉस्टल, लाइब्रेरी और प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण।
✔️ इंडस्ट्री लिंकअप: छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के बेहतर अवसर दिलाने के लिए कंपनियों के साथ सहयोग।
“सरकार शिक्षा सुधारों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सागर यूनिवर्सिटी को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे छात्रों को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें।”
इस बैठक से छात्रों और शिक्षकों को नई उम्मीदें मिली हैं। आने वाले समय में सागर यूनिवर्सिटी के शैक्षिक स्तर, शोध कार्यों और आधारभूत ढांचे में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
फिलहाल, शिक्षा मंत्रालय की ओर से मिले आश्वासन के बाद उम्मीद की जा रही है कि सागर यूनिवर्सिटी में जल्द ही सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। छात्रों का भविष्य संवारने के लिए यह एक
अहम कदम साबित हो सकता है।