मकरोनिया, सागर। मकरोनिया क्षेत्र की निवासी एक महिला और उसके तीन बच्चे बीते 4-5 महीनों से लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज सुनने को कोई तैयार नहीं है। महिला का आरोप है कि उसका पति, जो कि एक पुलिसकर्मी है, उसे और बच्चों को छोड़कर दूसरी महिला के साथ रहने लगा है, और पुलिस विभाग से भी उसे कोई सहायता नहीं मिल रही।
35 वर्षीय रश्मि शर्मा, जो कि मकरोनिया क्षेत्र की निवासी हैं, ने बताया कि उनके पति प्रदीप शर्मा, जो कि दमोह जिले के कोतवाली थाने में आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं, पिछले 6 महीनों से किसी अन्य महिला के संपर्क में हैं। रश्मि का कहना है कि प्रदीप ने घर आना लगभग बंद कर दिया है, और जब कभी आता भी है तो कुछ देर रुककर चला जाता है। जब रश्मि को इस बात की शंका हुई तो उन्होंने पड़ताल शुरू की। पति के मोबाइल की जांच करने पर उन्हें एक महिला, जिसका नाम रुचि सिंह है, के साथ उसकी कई तस्वीरें मिलीं। इतना ही नहीं, प्रदीप ने अपने हाथ की कलाई पर रुचि का नाम भी टैटू के रूप में लिखवा लिया है।
रश्मि ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में पति से बात करने की कोशिश की, तो प्रदीप और रुचि दोनों ने उसे धमकाया और कहा कि उन्होंने शादी कर ली है। दोनों ने रश्मि से कहा कि या तो वह इस स्थिति को स्वीकार करे या फिर घर छोड़ दे। इस पूरी बातचीत की रश्मि के पास कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर जब रश्मि ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो वहां से भी कोई मदद नहीं मिली। परेशान होकर वह सागर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचीं, लेकिन वहां भी उनकी शिकायत नहीं सुनी गई। रश्मि का कहना है कि पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सहवाल ने तो उनकी बात सुनना तक मुनासिब नहीं समझा और आवेदन की बात सुनकर ही अपने चैंबर से चले गए। रश्मि ने जब सागर आईजी से मदद की गुहार लगाई, तो वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
रश्मि का आरोप है कि चूंकि उनका पति स्वयं एक पुलिसकर्मी है, इसलिए उसके विरुद्ध कोई भी कार्रवाई करने से अधिकारी बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह कई बार आवेदन दे चुकी हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं, प्रदीप और रुचि ने कई बार उन्हें धमकाया भी है। उनके पास फोटो और कॉल रिकॉर्डिंग जैसे सबूत होने के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
रश्मि ने न्याय की गुहार लगाते हुए प्रशासन से मांग की है कि उसके पति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और उसे तथा उसके बच्चों को न्याय दिलाया जाए। अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कब तक निष्क्रिय रहता है या फिर रश्मि को न्याय मिलने की कोई उम्मीद दिखाई देती है।