बीना। नगर पालिका परिषद की बैठक नपाध्यक्ष लता सकवार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पारित किया गया। बजट में कुल आय 82 करोड़ 88 लाख 60 हजार रुपए और व्यय 81 करोड़ 55 लाख 85 हजार रुपए प्रस्तावित किया गया, जिससे 18 लाख 17 हजार रुपए की बचत दर्शाई गई है।
बैठक में जहां बजट को मंजूरी दी गई, वहीं पार्षदों ने स्थानीय समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। बजट में किसी प्रकार के करों में वृद्धि नहीं की गई है। नेता प्रतिपक्ष ने रिफाइनरी व जेपी समूह की सीएसआर राशि को बजट में शामिल करने की मांग की।
बैठक में विभिन्न एजेंडों पर चर्चा की गई। नगर पालिका भवन के लिए जगह चयन और रैन बसेरा की जगह चिन्हित करने के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी, जिस कारण निर्णय अगली बैठक तक टाल दिया गया। वहीं संपत्तिकर व जलकर बढ़ाने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया। ऑडिटोरियम की जगह गीता भवन निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में पार्षद अजय ठाकुर ने वार्डों में अधूरे पड़े विकास कार्यों, सुपर मार्केट के शौचालय की समस्या और ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की। अमृत 2.0 योजना के तहत हुए कार्य और भुगतान की जानकारी भी उपयंत्री से मांगी गई। उपयंत्री ने बताया कि अभी तक पाइपलाइन के लिए दो करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
नपाध्यक्ष लता सकवार ने काम नहीं करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने और अधूरे कार्य नगर पालिका के माध्यम से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैंया ने ग्रामीण क्षेत्र में लगाई गई स्ट्रीट लाइट व पानी की टंकी का भुगतान रोकने की मांग की।
वहीं नेता प्रतिपक्ष प्रशांत राय ने कहा कि पूर्व में भी नगर पालिका ने ग्रामीण क्षेत्रों में लाइट लगाकर फिजूलखर्ची की है। पार्षद विजय लखेरा ने बस स्टैंड पर प्रतीक्षालय नहीं होने की समस्या उठाई। इस पर सीएमओ ने नाराजगी जताते हुए प्रतीक्षालय के लिए बनी दुकानों से सामान हटाने के निर्देश दिए।
बैठक में जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर पार्षदों ने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया।