सागर में नर्सिंग होम की लापरवाही से नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप

सागर के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक नर्सिंग होम की डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण प्रसूता के गर्भ में ही नवजात की मौत हो गई, लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर इलाज करती रहीं और परिजनों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।

दरअसल, सिविल लाइन थाना क्षेत्र निवासी पंकज सोनी की पत्नी, जो लगभग सात से आठ महीने की गर्भवती थी, को अचानक दर्द होने पर परिजन उसे कटरा स्थित मनोकामना अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ऊषा सैनी ने उसे पेन किलर देकर भर्ती कर लिया। परिजनों का कहना है कि जब रात तक भी प्रसूता का दर्द कम नहीं हुआ, तो उन्होंने डॉक्टर को फिर बुलाया। इसके बाद डॉक्टर ऊषा सैनी ने देर रात उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

 

लेकिन मेडिकल कॉलेज जाते समय ही रास्ते में प्रसूता की डिलीवरी हो गई और नवजात मृत पैदा हुआ। जब परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से बात की, तो उन्हें बताया गया कि बच्चा लगभग दो दिन पहले ही गर्भ में मर चुका था। इसके बावजूद डॉक्टर ऊषा सैनी ने इलाज जारी रखा और परिजनों को इसकी जानकारी तक नहीं दी।

 

आज नवजात के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है और कोतवाली थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

1. मनीष सिंघल, थाना प्रभारी, कोतवाली थाना – “इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी।”

2. पंकज सोनी, प्रसूता का पति – “अगर डॉक्टर समय पर सच बता देते तो शायद हमारे बच्चे की जान बच सकती थी। लेकिन उन्होंने हमें अंधेरे में रखा और इलाज जारी रखा, जबकि बच्चा पहले ही मर चुका था।”

फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। अब देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और क्या लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

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