बुंदेलखंड के गौरव पद्मश्री रामसहाय पांडे का पारंपरिक विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
बुंदेलखंड की सांस्कृतिक पहचान और गौरव पद्मश्री रामसहाय पांडे का शनिवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे बुंदेलखंड में शोक की लहर दौड़ गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया।
पद्मश्री रामसहाय पांडे की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से मुक्तिधाम तक बुंदेली परंपराओं के साथ निकाली गई। शव यात्रा में उनके शिष्यों ने राई नृत्य करते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी। यह दृश्य हर किसी की आंखों को नम कर गया।
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में आमजन के साथ-साथ राजनेता, समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी एवं शहर की अनेक हस्तियां शामिल हुईं। मुक्तिधाम में विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बुंदेलखंड की माटी से जुड़े पद्मश्री रामसहाय पांडे ने अपने जीवन में लोक संस्कृति और लोककला को नई ऊंचाई दी। उनके निधन से कला जगत की अपूरणीय क्षति हुई है।